Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 182
________________ जीवन रेखा का दोष निवारण यदि जीवन रेखा दोषपूर्ण हो तो जातक के जीवन में अनेक दुर्घटना एवं शारिरीक बिमारी उत्पन्न करती है। ऐसी स्थिति में कनिष्ठा और अनामिका को अंगूठे से मिलाकर मुद्रा बनायें। इस मुद्रा को करने से शुक्र पर्वत, मंगल पर्वत, जीवनरेखा, बुधरेखा आदि का दोष नष्ट होता है तथा जातक को अच्छा फल मिलता हैं । शनि दोष निवारण यदि शनि पर्वत में या शनि रेखा में दोष हो तो तर्जनी को मोड़कर उसे शुक्र पर्वत पर लगायें। शेष सभी अंगुलियां और अंगूठा अलग रखें। यह मुद्रा शनि रेखा एवं शनि पर्वत के दोष को नष्ट करती है तथा अनेक बिमारियों से रक्षा करती है। बुध दोष निवारण यदि बुध रेखा अथवा बुध पर्वत में कोई दोष हो तो उसके निवारण हेतु बायें हाथ की तर्जनी का शिरा दायें हाथ के तर्जनी और मध्यमा से जोड़ें। यह मुद्रा करने से बुध दोष नष्ट होता है। पेट अथवा शरीर के किसी भाग में गैस इकठी होने पर भी इस मुद्रा द्वारा लाभ पाया जा सकता है। प्रस्तुत मुद्राएं बारी-बारी से दोनों हाथों द्वारा करना चाहिए। यदि रेखाओं में दोष न हो तो भी इन मुद्राओं को दो-चार मिनट अभ्यास करने से इसका लाभ शरीर में अनेक बिमारियों का शमन करके शक्ति प्रदान करता है। 184

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