Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 185
________________ राजयोग का हाथ इस हाथ की यह विशेषता है कि तर्जनी, मध्यमा और अनामिका की लंबाई लगभग समान है और सारी अंगुलियां विकसित है। यह हाथ लगभग सोलहवीं शताब्दी का हाथ है। उस समय व्यक्ति की शीर्ष रेखा एवं जीवन रेखा अधिक विकसित पाई जाती थी। अंगुलियों में प्रायः अधिक रेखाएं न होकर मांसलयुक्त होती थी। आज की अपेक्षा उस युग में हाथ की रेखाओं की संख्या कम थी। इस हाथ का व्यक्ति पश्चिमी देशों में अधिक पाया जाता था। जिनकी बौद्धिक क्षमता अच्छी होती थी, ये लोग अनेक प्रकार के अनुसंधान किये और उनमें सफल रहे। 187

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