Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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रेखा के शुरु में टेढ़ी मेढ़ी रेखायें हैं। जिनसे स्पष्ट हो रहा है कि बचपन में इन्हें किसी प्रकार के कष्ट का सामना हुआ था। उसी समय पर इन्हें आर्थिक कष्ट भी हुआ था। चन्द्र पर्वत से चलकर भाग्य रेखा को काटती हुई रेखा जीवन रेखा में जाकर मिल रही है जो कि विश्व भर का भ्रमण करने में सहयोगी होगी। यह यात्रा रेखा स्पष्ट करती है कि ये जीवन में खूब यात्रा करेंगे। कई शाखायें भाग्य रेखा में मिल रही है। इस कारण स्पष्ट हो रहा है कि इनका विवाह हो चुका है। विवाह रेखा के समान्तर रेखा होने से इन्हें जीवन साथी से बहुत प्रेम है। मणिबन्ध जंजीर जैसा है अतः इन्हें मेहनत करना और पैसा कमाना अधिक पसंद है, इन्हें तकनीकी ज्ञान और दूसरे की भलाई के लिए बार-बार सराहा जाता है, कभी-2 ये जल्दबाजी भी करते हैं। हाथ भारी तथा सुन्दर है शनि ग्रह और गुरु ग्रह उत्तम होने से इनकी आर्थिक स्थिति ठीक है। इसके अतिरिक्त मस्तिष्क रेखा की कुछ शाखा सूर्य पर्वत की ओर जा रही है जो कि आर्थिक सम्पन्नता का संकेत दे रही है। सूर्य रेखा में शाखा है तथा नर्म जोड़ अंगूठा छोटा है। एक रेखा चन्द्र पर्वत पर जाती है। अतः इन्हें वृद्धावस्था में काव्य सफलता मिलेगी।
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