Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

View full book text
Previous | Next

Page 168
________________ प्रस्तुत हाथ में जीवन रेखा के अंलाविष्कारपतिरिबहाशाखा है और इसकी दूरी अधिक है। जिस कारण इनकी मृत्यु विदेश में हो सकती है। आयु रेखा की शुरुआत जंजीरनूमा होने से इनमें उतावलापन अधिक है जिस कारण ये कभी कभी असफल भी होते हैं। उस समय इनकी मनःस्थिति संकुचित हो जाती है। जीवन रेखा पर कुछ धब्बे हैं जिस कारण नेत्र में बीमारी होने की पूर्ण आशंका है। हृदय रेखा छोटी है तथा शनि क्षेत्र से उत्पन्न हुई है, इसलीए ये प्रेम संबंध में स्वार्थी हैं। इनमें अध्यवसाय अधिक है तथा हृदय रेखा चौड़ी है इस कारण ये विपरीत लिंग के प्रति कभी-2 घृणा की दृष्टि से देखते हैं। हृदय रेखा शाखाहीन है इस कारण ये प्रेम की गरिमा नहीं समझते। सूर्य क्षेत्र पर कई रेखाएं हैं, जिस कारण इनमें कल्पना अधिक पायी जाती है और सफलता में संदिग्धता अधिक होती है। मंगल क्षेत्र में जाती हुई सूर्य 170

Loading...

Page Navigation
1 ... 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193