Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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3.अ. चन्द्र पर्वत से चलकर भाग्य रेखा को काटती हुई ऊपर की ओर जीवन रेखा में जाकर मिले तो जातक विश्व भर का भ्रमण करता हैं। 3.ब. हथेली के नीचे से आती हुई यात्रा रेखा जीवन रेखा की ओर जाते समय मध्य में क्रास चिह्न पर समाप्त हो जाय तो व्यक्ति को पानी की यात्रा से दुर्घटना आदि होने की आशंका होती है।
4.अ. कोई भी रेखा शनि पर्वत से आकर जहां पर आयु रेखा को काटती है उस समय यात्रा से दुर्घटना की आशंका होती है। 4.ब. अगर यात्रा रेखा जाकर हृदय रेखा से मिल जाय तो यात्रा में प्रेम अथवा विवाह हो जाता है। 5.अ. अगर यात्रा रेखा मस्तिष्क रेखा से मिल जाय तो यात्रा में कोई व्यापारिक समझौता होगा।
5.ब. चन्द्र पर्वत से चलकर सही मार्ग से हटकर नीचे की ओर आयु रेखा में जाकर मिले तो यात्रा में दुर्घटना होती है। 5.स. मणिबन्ध से मंगल पर्वत की ओर जाने वाली रेखा समुद्र यात्रा का संकेत देती है, यदि क्षितिज पर कट जाय तो छोटी यात्रायें नाव आदि से होती है।
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