Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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12. Wrist Bands
अध्याय 12 मणिबन्ध
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हाथ के मूल भाग में कलाई के ऊपरी भाग में मणिबन्ध होता है, यह कई रेखाओं की सहायता से घुमावदार रेखा होती है ।
मणिबन्ध में तीन बल होने से लम्बी आयु का पता चलता है तथा तीन से अधिक रेखायें होने से शुभ नहीं माना जाता है।
1. अ. मणिबन्ध में अनेक खण्ड होने से व्यक्ति कंजूस होता है तथा समाज
में सामान्य श्रेणी की स्थिति होती है।
1. ब. मणिबन्ध एक रेखा की हो तो अल्पायु समझना चाहिए।
1. स. मणिबन्ध की प्रथम रेखा वलयकार और
छोटे -2 द्वीप हों तो व्यक्ति अपने पराक्रम से सफल 5
होता है।
2.अ. तीन रेखाओं का मणिबन्ध हो तथा उसमें त्रिभुज हो तो बृद्धावस्था
में परायी सम्पत्ति या धन मिलता है ।
2. ब. पहला मणिबन्ध हथेली में ऊपर की ओर धनुषाकृति हो जाय तो संतान प्रतिबन्धक योग बनता है।
2. स. जंजीरनुमा होने से व्यक्ति मेहनती होता है ।
3. अ. मणिबन्ध से कोई रेखा चन्द्र पर्वत की ओर जाये तो व्यक्ति नौसेना या हवाई सेना में जाने का इच्छुक होता है।
3. ब. मणिबन्ध रक्त वर्ण की हो तथा जंजीरनुमा होने से व्यक्ति वाचाल होता है तथा आर्थिक हानि होती है।
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