Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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जाता है।
चन्द्र क्षेत्र पर वृत्त का चिह्न होने से व्यक्ति को जल से नुकसान होता है तथा जल तत्व से सम्बन्धित बीमारी का सामना करना पड़ता है। मंगल क्षेत्र पर वृत्त होने से व्यक्ति को कायर तथा रणभीरु बना देता है। बुध क्षेत्र पर होने से व्यापार में सफलता एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। गुरु क्षेत्र पर होने से उच्चपद की प्राप्ति तथा लोगों पर प्रभाव एवं विवाह में दहेज की प्राप्ति होती है। शनि क्षेत्र पर वृत का चिह्न होने से अचानक धनलाभ तथा भाग्योन्नति होती
है।
शुक्र क्षेत्र पर वृत्त का निशान होने से व्यक्ति को कामातुर एवं इन्द्रिय लोलुप तथा भोगी बना देता है। ऐसे लोगों में नपुंसकता भी पायी जाती हैं। राहु क्षेत्र पर होने से व्यक्ति को निष्क्रिय एवं पुरुषार्थ हीन बना देता है। हृदय रेखा पर वृत्त का चिह्न होने से व्यक्ति को हृदय हीन एवं पत्थरदिल बना देता है। जीवन रेखा पर होने से आंखों में बिमारी या कमजोरी होती है। भाग्य रेखा पर होने से व्यक्ति में कमजोरी एवं भ्रम उत्पन्न करता है। मस्तिष्क रेखा पर होने से व्यक्ति को स्नायु रोग उत्पन्न करता है। विवाह रेखा पर वृत्त का चिह्न होने से व्यक्ति कुंवारा रहता है, या फिर विवाहोपरान्त शीघ्र ही विधुर होकर जीवन व्यतीत करता है।
जाल
आड़ी रेखा पर खड़ी रेखाओं के होने से जाल सा बन जाता है, यह मानव हाथों पर अधिकाशं पाया जाता है। हस्त रेखा विज्ञान में जाल का भी अपना महत्वपूर्ण स्थान है। अतः इसका अध्ययन भी अति आवश्यक है।
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