Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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3.मष्तिष्क रेखा क्षेत्र - इस क्षेत्र से शुरू होने वाली सूर्य रेखा का स्वामी अद्भुत कार्यकर्ता होता हैं। ऐसे व्यक्ति विशेष मस्तिष्क के स्वामी होते हैं। ये प्रायः महानपुरुष, प्रतिभाशाली, दिव्यज्ञानी, साहित्यिक, वैज्ञानिक आदि होते हैं। ऐसे लोगों का कार्य बड़ी सूझ बूझ से सम्पन्न होता है तथा उस कार्य की विशेषता को मानव समुदाय हमेशा स्मरण रखता है। कभी-कभी ऐसे लोगों को मध्य आयु में सफलता प्राप्त होती पायी गयी है। अगर ये व्यापारी होते हैं तो खूब धन, कलाकार होते हैं तो खूब यश प्राप्त करते हैं। 4. मंगल क्षेत्र- मंगल क्षेत्र से निकलने वाली सूर्य रेखा वीरता एवं चेतना को प्रदान करती है, जिनमें यह रेखा विद्यमान होती है वे हमेशा उत्साही, साहसी, आशावान, निडर और वाचाल होते हैं।
इनमें निरन्तर आत्मविश्वास की लहर दौड़ती रहती है तथा आपत्तियों का मुकाबला करने से नहीं डरते, इनमें हठ भी पाया जाता है परन्तु जिस कार्य को हठ भावना से करते हैं उसमें सफल भी पाये जाते हैं। कभी-2 विद्रोह की भावना भी जाग्रत होती है तथा रुढ़िवादी रीतिरिवाजों के खिलाफ रहना इनकी विशेषता है। इनका हृदय एक ओर कठोर और दूसरी ओर कोमल होता हैं ये न्याय के प्रति हमेशा उतावले रहते हैं तथा
न्याय के लिए स्वतः की बलि देना अपना कर्तव्य समझते हैं। युद्ध स्थल में ये सफल सैनिक प्रमाणित होते हैं। ये लोग विषम परिस्थिति में भी अपने मनोबल और बैभव से सफल पाये जाते हैं।
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