Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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नहीं पायी जाती, यह रेखा भाग्यशाली होने का संकेत है। ऐसी रेखा, आदर, प्रतिष्ठा, प्रतिभा, सत्कार, उच्चाधिकार आदि प्रदान कराती है। ऐसे लोगों के कार्यक्षमता का तारतम्य कभी नहीं टूटता। ऐसे लोगों की योजनायें सफल होती हैं तथा ये दानशील, न्यायप्रिय, परोपकारी एवं कलाविज्ञ होते हैं। सफलता का अवसर स्वतः चलकर इनके पास आता है। ऐसे व्यक्ति स्वतंत्र एवं वकील, डाक्टर, इन्जीनियर, व्यापारी, अभिनेता, आदि होते हैं, ऐसे लोग सरकारी नौकरी वाले भी होते हैं जो कि उच्च पद प्राप्त करते हैं। 7.राहु क्षेत्र- राहु क्षेत्र से शुरू होने वाली सूर्य रेखा के व्यक्ति स्वतंत्र, व्यवसायी तथा लोभी होते हैं, ऐसे मनुष्य उच्च स्तर के कवि, लेखक, सम्पादक हो सकते हैं। कभी -कभी एक से अनेक कार्य एक साथ करते हैं। सूर्य रेखा यदि राहु क्षेत्र पर आकर टूट जाय या श्रृंखलाबद्ध हो जाये अथवा द्वीप हों तो व्यक्ति निकम्मा, निठल्ला अवगुण वाला एवं असफल होता है। ऐसी स्थिति में यदि सूर्य की अंगुली का प्रथम पोर लम्बा, चौड़ा और सुडौल होगा तो व्यक्ति में कलाकारी, अविष्कार, वैज्ञानिक, चित्रकारी आदि का गुण पाया जाता है। यदि पहले की अपेक्षा दूसरा पोर अधिक बड़ा होगा, तो व्यक्ति प्रसिद्ध व्यापारी होता है। यदि सूर्य अंगुली पर वर्ग और समकोण चतुर्थांश हो तो व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में अधिकाधिक सफल होता है और अपने कार्यों से महान कहलाता है। 8.केतु क्षेत्र- केतु क्षेत्र से शुरू होने वाली सूर्य रेखा व्यक्ति को अधिकाधिक सुख प्रदान करती है । ऐसे व्यक्तियों को कमा-कमाया धन प्राप्त होता है। दौलतमंद लोगों द्वारा
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