Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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3. जीवन रेखा 8. भाग्य रेखा 4. मणिवन्ध रेखा 9. चिह्न 5. मंगल रेखा
10. आकार-प्रकार इस रीति से किया गया अध्ययन अधिक स्पष्ट ओर सत्य परिणामों की सृष्टि करेगा। निर्दोष रेखा उन्हें कहते हैं जो गहरी, सीधी, बिना कटाव तथा स्पष्ट होती है वे अपनी पूर्ण शक्ति से व्यक्ति को प्रभावित करती हैं, इसके विपरीत रेखायें दोषी मानी जाती हैं जिनका गुण व प्रभाव कम या फिर समाप्त हो जाता है। रेखाओं के मार्ग में वर्ग, अथवा आयत की उपस्थिति शुभ मानी गयी है तथा द्वीप को अशुभ माना जाता है। प्रस्तुत पेज पर कई प्रकार के चिह्न दिये जा रहे है इनका पूर्ण रुप से अनुभव होना हस्त रेखा विषय के लिए आवश्यक है। हस्त रेखाओं के अध्ययन में काफी ज्यादा परिश्रम की आवश्यकता होती है एक बार फिर हम आपको बता दें कि रेखाओं का अध्ययन करते समय दोनों हाथों को देखना चाहिए। अगर दोनों हाथों में अशुभ चिह्न हों तो बुरा फल कहना चाहिए। यदि एक हाथ में अशुभ चिह्न या रेखा होगी और दूसरे हाथ में नहीं होगी तो ऐसी स्थिति में उसकी अशुभता आधी क्षीण हो जाती
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