Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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वर्गाकार हाथ
वर्गाकार हाथ की बनावट एक चतुष्कोण की तरह होता है, अंगुलियों का आकार भी वर्गाकार माना गया है। जीवन के विभिनन क्षेत्रों में इस प्रकार के हाथ पाये गये हैं। इस प्रकार के हाथ के नाखून भी वर्गाकार लेकिन कुछ छोटे होते हैं। इस प्रकार के हाथ के स्वामी अध्यवसायी एवं कर्मठ होते हैं। इस श्रेणी के व्यक्ति किसी का आदेश पालन करने में असफल होते हैं। ऐसे हाथ वाले दूरदर्शी होते हैं, धैर्यवान होते हैं। पुराने रीति रिवाजों में फेरबदल करना इनका स्वभाव नहीं होता, जीर्ण-शीर्ण कपड़े भी पहन लेते हैं और अच्छे दिखते हैं। स्वतः के दैनिक आचरण से समय के पाबन्द और व्यवहार के खरे होते हैं। सत्ता का सम्मान और अनुशासन के प्रति ऐसे लोग ज्यादा लगाव रखते हैं। काल्पनिक लोगों से पटती नहीं और तर्क तथा कलह में इनकी हार कभी नहीं होती। इनको नियम और सिद्धान्त प्रिय होता है तथा जीवन में हर वस्तु के लिए स्थान होता है। हर काम को रुचिपूर्ण करना इनका स्वाभाविक गुण होता है। ये विचारों की अपेक्षा सिद्धान्तप्रिय होते हैं। अल्पभाषी होने के साथ-2 इच्छा शक्ति की दृढ़ता
और चारित्रिक शक्ति के कारण प्रत्येक क्षेत्र में सफल होते हैं वर्गाकार हाथों में अनेक भेद होते हैं जैसे छोटी अंगुलियों का वर्गाकार हाथ, लम्बी अंगुलियों का गठीली, अंगुलियों वाला, शंकु के आकार की अंगुलियों वाला, मिश्रित अंगुलियों वाला, चपटा हाथ, आदि।
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