Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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चमसाकार हाथ
जैसे नाम से ही जाहिर है कि चमसाकार अर्थात चम्मच जैसा हाथ, यानी जिस हाथ की आकृति चम्मच जैसी हो, अंगुलियों की बनावट भी आगे से चम्मच की तरह गोलाई लिये हो। इन हाथों का एक विशेष लक्षण यह है कि इनकी अंगुलियों में छिद्र होते हैं। इन हाथों में लगभग सभी रेखाएं पायी जाती हैं। इनकी रेखाओं में कोई न कोई दोष अवश्य पाया जाता है। इनमें अंगुलियां और हथेली न बड़ी, न छोटी, अर्थात मध्यम होती हैं। कोई एक अंगुली तिरछी या टेढ़ी होती है | चमसाकार हाथ वाली महिलाएं रूढ़िवादी नहीं होती हैं। ये हमेशा कुछ अलग कर दिखाने की फिराक में रहती हैं। इसलिए इन्हें जीवन में सफलता देर से मिलती है। इन्हें पारिवारिक सहायता या रिश्तेदारी से मदद कम मिलती है। अगर मंगल ग्रह उन्नत हो, तो ऐसे लोग वीर होते हैं। ऐसे लोगों का गुरु ग्रह उन्नत हो, तो इन्हें सत्संग या ज्ञान आदि में रुचि होती है। ऐसे लोग बहुत लापरवाह भी होते हैं। इनके जीवन में बहुत परिवर्तन होते हैं। हाथ अगर भारी न हो तो इन्हें अपने जीवन में अत्यधिक संघर्ष के बाद सफलता मिलती है। अगर बुध की अंगुली तिरछी हो, तो ये बातूनी स्वभाव के होते हैं। चमसाकार हाथ वाले अनोखे स्वभाव के होते हैं तथा इनके जीवन में तकरीबन सभी प्रसंग घटते हैं, जैसे प्रेम, दोस्ती आदि। इनकी संतान तेज स्वभाव की होती है एवं इन्हें गुस्सा भी बहुत जल्दी आ जाता है। हाथ का रंग काला और वह पतला होने पर ऐसे लोगों को कानून और जेल संबंधी परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसी महिलाओं की दूसरों से कम ही बनती है। ऐसी महिलाओं को खुद झगड़ा मोल लेने का शौक नहीं होता है पर ये झगड़े में जल्दी पड़ जाती हैं। इनका स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इन्हें अपने मां-बाप, या पति के मां-बाप, दोनों में से एक का ही सुख मिलता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि चमसाकार हाथ वाले तरक्की अवश्य करते हैं। बड़े-बड़े वैज्ञानिकों, खोजकारों एवं अन्वेषण करने वालों का हाथ भी कई बार चमसाकार ही पाया गया है।
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