Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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सीधा अंगूठा
ऐसे व्यक्ति अंतर्मुखी व्यक्तित्व वाले होते हैं, अर्थात भावुकतावश उल्टा-सीधा बोल देने वाले और "क्षणे रुष्टः क्षणे तुष्टः", यानी क्षण में क्रोध आना क्षण भर बाद प्रसन्न मुद्रा में बात करना इनकी प्रमुख विशेषता होती है। ये "प्राण जाय पर वचन न जाइ सिद्धांत को मानने वाले, रूढ़िवादी परंपराओं से जुड़े, बुजुर्गों से डरने वाले होते हैं।
अतः प्रेम विवाह में यदि लड़की इन्हें साहस दिलाये, तो ये हनुमान की तरह, अपनी शक्ति से पूर्ण समर्थ हो कर, घर से अलग हो कर भी, हर स्थिति का सामना कर लेते हैं। इसलिए ये लोग मनचाही लड़की प्राप्त कर लेते हैं। स्वयं डरपोक, भीरु, कायर, एवं स्वार्थी प्रकृति के होते हैं । इन्हें मितव्ययी या कंजूस भी कहा जा सकता है। किन्तु मौका आने पर, भावुकतावश अपना सर्वस्व दान कर देते हैं। केवल इनके सामने वाले को प्रभावित करने की कला आनी चाहिए, तो फिर ये उसपर तन-मन-धन से न्योछावर हो जाते हैं लेकिन लोकप्रियता इन्हें कम मिल पाती है। इनके हर कार्य के पूर्ण होने में काफी विलंब होता है। शरीर में गर्मी अधिक होने से ये जातक बहुत कर्मठ होते हैं।
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दुर्भाग्य से इन्हें दांपत्य जीवन का सुख और न ही कर्म के अनुसार पूर्ण फल ही मिल पाता है। ऐसे लोग अपने कार्य को गुप्त रखना पसंद करते हैं। अपयश इन्हें जल्दी मिलता है। कंजूसी और स्वार्थीपन, प्रचार से बचने की भावना, असामाजिकता, व्यवहार कुशलता की कमी अत्यधिक औपचारिकता निमाने की प्रवृत्ति, मौन गंभीर व्यक्तित्व, दयालुता का अभाव इन्हें लोकप्रियता देने में बाधक होते हैं।
नियमितता, ईमानदारी, सत्यवादिता इनकी प्रमुख विशेषताएं होती हैं। इस कारण इन्हें अधिक कष्ट उठाने पड़ते हैं सीधे अंगूठे वाले बहुत जल्दी ही किसी से प्रभावित हो जाते हैं। कट्टरपंथी, अतिभाग्यवादिता, रूढ़िवादिता
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