Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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कर्मठ हाथ
कर्मठ हाथ में ऊपरी हिस्सा (अंगुलियों का क्षेत्र) कुछ नुकीला होता है। मणिबन्ध और शुक्र (चन्द्र पर्वत के आस-पास का भाग) मांशलयुक्त एवं चौड़ा होता है। ऐसे हाथों के स्वामी ज्यादा समय तक लगातार कार्य करने में असमर्थ होते हैं। कलात्मक कामों में ऐसे लोग ज्यादा सफल पाये गये हैं इन्हें स्वतन्त्र कार्य करने में ज्यादा रुचि होती है तथा किसी भी नये कार्य को परिश्रम पूर्वक पूरा करते हैं। ऐसे हाथ के स्वामी ज्यादातर ब्रिटेन और अमेरिका में पाये जाते हैं। ऐसे हाथ में अंगूठे और तर्जनी के मध्य ज्यादा खाली स्थान होने पर दया, प्रेम तथा मानवीय गुण ज्यादा होता है। इनमें यह विशेषता भी पायी जाती है कि कभी-2 अपना कार्य बड़ी चालाकी से दूसरों द्वारा सम्पन्न करवा लेते हैं। सुख-दुख का इन्हें ज्ञान होता है तथा देशभ्रमण करने के शौकीन भी होते हैं। इनमें कार्य के समय उत्साह नजर आता है। पराविज्ञान में इनकी न ही आस्था होती है न प्रेम तथा धर्म, योग में पीछे होते हैं। अगर अंगुलियां नरम होंगी तो थोड़ा चिड़चिड़ापन होगा। अगर यही अंगुलियाँ चपटी होगी तो नौकरी और सेवा कार्य की ओर ज्यादा झुकाव होगा। ऐसे हाथों के लोग भारत में हिमालय की पहाड़ियों तथा उत्तरी क्षेत्रों में ज्यादा पाये जाते हैं।
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