Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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Identification of Hands People of Different Countries
विभिन्न देशों के हाथ की पहचान
अनेक देशों के निवासियों और जातियों की शारीरिक बनावट गठन और रंग-रूप में अंतर होता है यही प्रकृति का कार्य, नियम, और गुण है। प्रकृति का जो नियम ओस की बूंद को गोल बनाता है, वही नियम संसार की रचना भी करता है।
प्रकृति के कुछ नियम भिन्न प्रकार की सृष्टी करते हैं। इसी कारण वे भिन्न प्रकार के मानव शरीर और हाथ भी बनाते हैं। जिनके गुण अलग-अलग होते हैं। इसी प्रकृति के आधार पर हस्त रेखा अध्ययन से पूर्व यह अनुमान लगाया जाता है कि यह हाथ किस राष्ट्र का है तथा वहाँ की प्रकृति का वातावरण इसको कितना प्रभावित कर रहा है। ऐसा अनुभव करने के पश्चात् हस्त रेखा का अध्ययन करना आसान हो जाता है तथा भविष्यवाणी सही होती है।
नुकीला हाथ
अन्य हाथों के स्वामी के अपेक्षा इस हाथ में धनोपार्जन की क्षमता कम होती है, तथा ये कला-संगीतप्रिय होते हैं। इनमें व्यहारिक कुशलता की कमी होती है इनमें यह विशेषता पायी जाती है कि ये भाव प्रधान होते हैं। ऐसे व्यक्तियों की रुचि काव्य, रोमांस एवं कल्पना के प्रति अधिक होती है।
इनके प्रत्येक विचार और कार्यशीलता में आवेश की मात्रा अधिक पायी जाती है। ऐसे हाथ के स्वामी यूनान, आयरलैण्ड, इटली, फ्रांस, स्पेन, पोलैण्ड, तथा योरोप के दक्षिण भाग में पाये जाते हैं । परन्तु विवाह आदि के कारण ये जातियाँ आज संसार के अनेक भागों में पाये जाने लगे हैं।
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