Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh

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Page 17
________________ How to look at the Palm lines हस्त रेखा देखने की विधि हस्त रेखा विशेषज्ञ व्यक्ति के ठीक सामने बैठे, ताकि प्रकाश ठीक सीधे उसके हाथों पर पड़े। पास में किसी तीसरे व्यक्ति को खड़े होने देना या बैठने देना उचित नहीं है। क्योंकि व्यक्ति का और हस्त रेखा शास्त्री का ध्यान बँट सकता है। भारत में सूर्योदय के समय को विशेष महत्त्व दिया जाता है। इसका कारण यह है कि हाथो-पैरों में सुबह के समय रक्त का संचालन अधिक प्रबल रहता है, जिसके फलस्वरूप रेखाएं अधिक आभायुक्त और स्पष्ट होती हैं। कार्य आगे बढ़ाते हुए पहले बहुत सावधानी से यह देखना चाहिए कि हाथ किस प्रकार के हैं, इसके बाद सावधानी से बायां हाथ देखना चाहिए, तब दायीं ओर आना चाहिए। यह देखने के लिए कि उसमें क्या-क्या परिवर्तन और परिवर्धन हुए हैं, और दायें हाथ को अपने निरिक्षण का आधार बना लेना चाहिए। जिस हाथ का आप निरीक्षण कर रहें हैं, उसे दृढ़ता से अपने हाथों में पकड़ें, रेखा या चिह्न को तब तक दबाते रहें जब तक उनमें रक्त का प्रवाह न आ जाए। इस तरह आप इनके विकास की प्रवृत्तियों को देख सकेंगे। कुछ कहने से पहले हाथ के हर भाग(पीछे का भाग, सामने का हिस्सा, नाखून, त्वचा, रंग आदि) का ठीक से निरीक्षण करें अंगूठे का परीक्षण पहला पड़ाव होना चाहिए। इसके आगे अंगुलियों पर ध्यान दें- हथेली से उनका अनुपात क्या है, वे छोटी हैं या लम्बी, पतली हैं या मोटी। कुल मिलाकर उनकी श्रेणी निर्धारित करें, यदि वे मिश्रित होंगी तो अकेली उंगली को अलग-अलग श्रेणी में रखते जायें तत्पश्चात् नाखूनों पर ध्यान दें। इससे स्वभाव या मिजाज का पता चलता है। अन्त से पूरे हाथ को सावधानी से परखकर अपना ध्यान

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