Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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परीक्षा करते रहते हैं। चाहे पेशेवर हस्त रेखा विशेषज्ञ हों चाहे मनोविनोद के लिए, उच्च आदर्शों को लेकर चलना मूलभूत सिद्धान्त और निष्ठा के साथ कार्य करना सफलता की कुंजी है। ऐसे ज्ञान को किसी का नुकसान करने के लिए यदि कोई अपनाता है तो वह ज्ञान उसे ही नष्ट करता है और नुकसान पहुंचाता है।
हस्त रेखा विशेषज्ञ का दायित्व
वकील, डाक्टर और हस्तरेखा विशेषज्ञ तीनों का एक काम है कि उनके पास जो व्यक्ति जाता है, वह अपने किसी समस्या को लेकर पहुंचता है। डाक्टर अनेक प्रकार से रोगी का परीक्षण करता है, वह जानता है कि भयंकर रोग है। फिर भी वह उसे नहीं बतलाता और रोगी को आश्वासन देता है कि वह ठीक हो जायेगा। रोगी भयंकर बीमारी के बाबजूद अपनी बलवती आशा से सफलता प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है तथा अनेक रोगी ठीक भी हो जाते हैं। उनमें स्वयमेव अपनी शक्ति पर विश्वास बढ़ जाता है, अपनी शक्ति, साहस, उत्साह के बल पर कार्य में जुट जाता है। ऐसी स्थिति में आपके चुम्बकीय शब्द अपूर्व शक्ति लेकर उस वातावरण में कम्पन्न पैदा कर देते हैं। हस्त रेखा विशेषज्ञ को अपने विषय से सम्बन्धित शास्त्र का पूरा ज्ञान होना जरुरी है। जो कुछ उसने सुन रखा है, जो उसके ध्यान में आया है, उसे बताने की जरुरत नहीं है। शास्त्रोक्त ज्ञान के आधार पर जो उसने खोजा था, जो सिद्धान्त उसने बनाये थे, उसके आधार पर रेखा, चिह्न, देश, काल, अवस्थानुसार परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए भविष्यवाणी करनी चाहिए। बालक विद्या का प्रश्न करेगा, लड़की विवाह से सम्बन्धी पश्न पूछ सकती है। वृद्ध बैंक वैलेंस पूछ सकता हैं। इसलिए भविष्यवाणी करने में जल्दी न करें। हस्तरेखा देखते समय पुरुषों को उनकी उन्नति के वर्ष, नया कारबार, बिमारियों से सर्तकता रखने का समय, विवाह, लाभ, हानि, सन्तान, एवं