Book Title: Saral Hastrekha Shastra
Author(s): Rameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
Publisher: Akhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
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Procedure for taking hand prints
हाथ की छाप लेने की विधि
हस्त रेखा विशेषज्ञ को चाहिए कि वे हस्त रेखा का अध्ययन व्यक्तिगत रुप से करें। कारण कि अंगूठे का लक्षण, छोटे निशान, नख, त्वचा की बनावट खुरदरापन व चिकनाहट, अंगुलियों की बनावट, रेखाएँ आदि लगातार बैठकर देखना कठिन हो जाता है। अतः हाथ का छाप लेकर उसका अध्ययन बाद में किया जाय, तो ज्यादा सही निर्णय पाया जा सकेगा तथा खरी भविष्यवाणी हो सकेगी। 1. पहली विधि हाथ की छाप लेने के लिए यह है कि पीतल या स्टील के गिलास में थोड़ा कपूर जलाएँ तथा जलते समय एक सफेद कागज को हाथ से पकड़कर उस पर धुएँ को लगने दें। जब यह पूरा कागज काला पड़ जाय, तो कागज को रबर पैड पर रखें और उसपर हाथ को रखकर दबा दें। हाथ एवं अंगुलियों के किनारे पेंसिल से रेखा खीचें जिससे अंगुलियाँ एवं हाथ की आकृति आ सके। कागज के दूसरी ओर मेथीलेटेड स्प्रिट एक किनारे से डाल कर फैला दें और सुखा लें। अब आपके अध्ययन रेकार्ड के लिए यह कागज तैयार है कागज पर अगर कहीं कच्चा धुंआ होगा, जहां स्प्रिट नहीं गिरी होगी। उस स्थान को रुई से साफ कर दें। 2. दूसरी विधि में हाथ को सुखा कर, उस पर वेसलीन की बारीक तह लगा दी जाय। मुलायम ब्रश से रगड़कर उसे समान बना लिया जाय रबरपैड पर अलग रखे कागज पर हाथ को दबाया जाय । इस प्रकार जो अदृश्य हाथ की छाप आई। उसपर कॉपर आक्साइड फैला दी जाय। अब हाथ की रेखा स्पष्ट दिखायी देगी, इसके बाद चारकोल ड्राइंग्स से उसे पक्का बना लिया जाय। 3. एक अन्य विधि यह है कि 12 x 22 सेमी. का इंकपैड लें साधारण इंक डालें तथा उस पैड पर इंक फैला कर हाथ पर समान रुप से लगाकर, एक अन्य सादे पैड पर बीच में रुई देकर उसपर कागज रखें और हाथ की छाप लगायें तथा जन्म तारीख, नख, आदि का विवरण लिखें। यदि व्यक्ति