________________
३२२-सम्यक्त्वपराक्रम (५)
कारण दस प्रकार के यतिधर्म में क्षमा को पहला स्थान दिया गया है ।
जैसे साधुओं के लिए क्षमा की अनिवार्य आवश्यकता बतलाई जाती है उसी प्रकार श्रावको के लिए भी क्षमा धारण करने की अनिवार्य आवश्यकता है । साधु को लक्ष्य करके चतुर्विध संघ को क्षमा धारण करने की बात कही गई है । अतएव जो पुरुष क्रोध के वश न होकर क्षमाशील रहेगा, वही अपना कल्याण कर सकेगा।