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अड़सठवां बोल
मानविजय
मानव-जीवन को सफल तथा सार्थक करने के लिए शास्त्रकारो ने चार कषायो का त्याग करना आवश्यक बतलाया है । कषाय का सामान्य अर्थ है- संसार । मतलब यह है कि क्रोध, मान, माया और लोभ-यह चार कषाय ससार को वृद्धि करते हैं । संसार से मुक्त होने के लिए कषाय का त्याग करना आवश्यक है । कषायों का त्याग न करने से ससार की वृद्धि होती रहती है । शास्त्र में कहा भी है.कोहो य माणो य अणिग्यहीया,
__ माया य लोहो य पवड्डमाणा । चत्तारि एए कसिणा कसाया, सिंचति मूलाइ पुणभवस्स ॥
( दश० ८, ४०) अर्थात्--क्रोध तथा मान का निग्रह करना कठिन है