________________ रतिसार कुमार - - 'यह सुनते ही वीर और जयने कुमार के पैर पकड़ लिये और कलासार तथा शूरने उनके हाथ थाम लिये / इसी समय बड़े जोरकी आँधी उठी और दावाग्निको हराकर उसके हाथसे उन पाँचों मित्रोंको छुड़ा कर आकाशकी और ले चली। (पृष्ठ 45 ) ___Narsingh Press. Calcutta. PP Ac Gunratnasuri M.S Jun Gun Aaradhak Trust