Book Title: Ratisarakumar Charitra
Author(s): Kashinath Jain
Publisher: Kashinath Jain

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Page 90
________________ नलदमयंती इस पुस्तकमे नल और दमयन्तीकी जीवनी मय चित्रोंके दो गई है, इस पुस्तक में पतिव्रता-धर्म-सूचक ज्ञानका भण्डार भर दिया गया है, जिसे पढ़कर स्त्रियों को अपने आपेका ख़याल हो आता है। इस पुस्तक को प्रत्येक बालक, युवा और वृद्ध ___नारियों को अवश्य देखना चाहिये ; मूल्य // ) डाकखर्च अलग। सुदर्शन सेठ जैन समाज में ऐसा कोई पुरुष न होगा जिसने सुदर्शन सेठकी जीवनी न सुनी हो / पूर्व के महापुरुषों ने शील की रक्षा के लिये प्राणत्याग करना स्वीकार किया पर शील को त्यागना नहीं स्वीकार किया, इसी विषय पर सुदर्शन सेठ के जीवन में अनेकानेक घटनायें हो गई हैं, जिनके पढ़ने से प्रत्येक नर नारी को अपने शील के विषय में ख़याल हो आता है। अगर आप अपनी समाज के लोगों को कुसल से बचाना चाहते हैं और अपने समाज में शीलका महत्व बतलाना चाहते हैं, तो इस पुस्तक को अवश्य मँगवाइये / मूल्य // 3) डाकखर्च अलग। कयवन्ना सेठ इस पुस्तकमें कयवना सेठ की जीवनी दी गई है। सचित्र होने के कारण कयवन्ना सेठ की अनोखी घटना आँखों के सामने दिख आती है। चारित्र सुधार के विषय में यह पुस्तक अतीव लाभदायक हैं। मूल्य // ) डाक खर्च अलग। . P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

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