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प्रवचन
सूत्रे
॥४८४॥
SASALAMSALAAMANAS
उच्चत्त १दार २ संथार ३ कहग ४ वाईय ५ अग्गदारंमि ६ । भत्ते ७ पाण८ वियारे ९-१० कहग ११ दिसा जे
यथालन्दिसमत्था य १२॥६२९॥ एएसिं तु पयाणं चउक्कगेणं गुणिजमाणाणं । निजामयाण संखा होइ जहासमयनिदिहा॥३०॥
कादीनि |उवत्तंति परावत्तयंति पडिवण्णअणसणं चउरो १। तह चउरो अब्भंतर दुवारमूलंमि चिट्ठति २॥ ६३१ ॥ संथारयसं-18
७०-७२ थरया चउरो ३ चउरो कहिंति धम्म से ४ । चउरो य वाइणो ५ अग्गदारमूले मुणिचउक्कं ६॥ ६३२ ॥ चउरो भत्तं ७ चउरो य दाणियं तदुचियं निहालंति ८ । चउरो उच्चारं परिदृवंति ९ चउरो य पासवणं १०॥ ६३३ ॥ चउरो बाहिं धम्म कहिंति ११ चउरो य चउसुवि दिसासु । चिट्ठति १२ उवद्दवरक्खया सहसजोहिणो मुणिणो ॥ ६३४ ॥ ते सवाभावे ता कुज्जा एक्केक्कगेण ऊणा जा । तप्पासट्ठिय एगो जलाइअण्णेसओ बीओ ॥ ६३५ ॥ ७१ द्वारम् ॥
इरियासमिए सया जए १, उवेह भुंजेज व पाणभोयणं २। आयाणनिक्खेवदुगुंछ ३ संजए, समाहिए संजयए मणो ४ वई ५॥ ६३६ ॥ अहस्ससच्चे ६ अणुवीय भासए ७, जे कोह ८ लोह ९ भय १० मेव वजए। से दीहरायं समुपेहिया सया, मुणी हु मोसंपरिवजए सिया ॥ ६३७ ॥ सयमेव उ उग्गहजायणे ११ घडे, मइमं निसम्मा १२ सइ भिक्खु उग्गहं १३ । अणुन्नविय भुंजीय पाणभोयणं १४, जाइत्ता साहम्मियाण उग्गहं १५॥ ६३८॥ आहारगुत्ते १६ अविभूसियापा १७, इत्थी न निज्झाय १८ न संथवेज्जा १९ । बुद्धे मुणी खुड्डुकहं न कुज्जा २०, धम्माणुपेही संधए बंभचेरं| ॥ ६३९ ॥ जे सद्द २१ रूव २२ रस २३ गंधमागए २४, फासे य संपप्प मणुण्णपावए २५ । गेहिं पओसं न करेज पंडिए, से होइ दंते विरए अकिंचणे ॥ ६४० ॥ ७२ द्वारम् ॥
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