Book Title: Pravachan Saroddhar Uttararddh
Author(s): Nemichandrasuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 582
________________ व्यादीनि प्रवचन वाउ ४ वणस्सइ ५ तसेहिं ६ ॥९७५ ॥ छल्लेसाओ कण्हा १ नीला २ काऊ य ३ तेउ ४ पउम ५ सिया ६ । कालवि १५०-५२ सूत्रे हीणं दवच्छकं इह अत्थिकायाओ॥९७६॥ पाणिवह १ मुसावाए २ अदत्त ३ मेहुण ४ परिग्गहेहि ५ इहं । पंच वयाई कुलकोभणियाई पंच समिईओँ साहेमि ॥ ९७७॥ इरिया १ भासा २ एसण ३ गहण ४ परिट्ठवण ५ नामिया ताओ। पंच ॥४९७॥ गईओ नारय १ तिरि २ नर ३ सुर ४ सिद्ध ५ नामाओ॥९७८ ॥ नाणाई पंच मइ १ सुय २ ओहि ३ मण ४ केव गा. लेहि ५ भणियाई । सामइय १ छेय २ परिहार ३ सुहुम ४ अहक्खाय ५ चरणाई ॥ ९७९ ॥ १५२ द्वारम् ॥ ९६३-८९ । दंसण १ वय २ सामाइय ३ पोसह ४ पडिमा ५ अबंभ ६ सच्चित्ते ७। आरंभ ८ पेस ९ उद्दिट्ट १० वजए समणभूए ११ य ॥ ९८०॥ जस्संखा जा पडिमा तस्संखा तीऍ हुंति मासावि । कीरंतीसुवि कजाउ तासु पुछत्तकिरिया उ ॥ ९८१॥ पसमाइगुणविसिटुं कुग्गहसंकाइसल्लपरिहीणं । सम्मदंसणमणहं दंसणपडिमा हवइ पढमा १॥९८२ ॥ बीया|णुबयधारी २ सामाइकडो य होइ तइयाए ३ । होइ चउत्थी चउद्दसीअट्ठमिमाईसु दिवसेसु ॥९८३ ॥ पोसह चउबिहंपि य पडिपुण्णं सम्म सो उ अणुपाले । बंधाई अइयारे पयत्तओ वजईमासु ॥ ९८४ ॥ सम्ममणुवयगुणवयसिक्खावयवं थिरो य नाणी य । अट्ठमिचउद्दसीसु पडिमं ठाएगराईयं ॥ ९८५ ॥ असिणाण वियडभोई मउलियडो दिवसबंभयारी य। रत्तिं परिमाणकडो पडिमावजेसु दिवसेसुं ॥ ९८६॥ झायइ पडिमाएँ ठिओ तिलोयपुजे जिणे जियकसाए । निय दोसपञ्चणीयं अन्नं वा पंच जा मासा ॥ ९८७ ॥ सिंगारकहविभूसुकरिसं इत्थीकहं च वर्जितो । वजइ अबंभमेगंतओ य का॥४९७॥ छिट्ठीइ छम्मासे ॥ ९८८ ॥ सत्तमि सत्त उ मासे नवि आहारइ सचित्तमाहारं । जं जं हेडिल्लाणं तं तोवरिमाण सबंपिल Jain Education International For Private & Personel Use Only www.jainelibrary.org

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