Book Title: Pravachan Saroddhar Uttararddh
Author(s): Nemichandrasuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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'प्रवचन०
सूत्रे
॥ ४९९ ॥
दस कोडाकोडीओ अद्धाअयराण हुंति पुन्नाओ । अवसप्पिणीऍ तीए भाया छच्चेव कालस्स ॥ ३३ ॥ सुसमसुसमा य १ सुसमा २ तइया पुण सुसमदुस्समा ३ होइ । दूसमसुसम चउत्थी ४ दूसम ५ अइदूसमा छट्ठी ६ ॥ ३४ ॥ सुसम - सुसमाऍ कालो चत्तारि हवंति कोडिकोडीओ । तिन्नि सुसमाऍ कालो दुन्नि भवे सुसमदुसमाए ॥ ३५ ॥ एक्का कोडाकोडी बायालीसाऍ जा सहस्सेहिं । वासाण होइ ऊणा दूसमसुसमाइ सो कालो ॥ ३६ ॥ अह दूसमाऍ कालो वाससह|स्साई एकवीसं तु । तावइओ चेव भवे कालो अइदूसमाएवि ॥ ३७ ॥ १६० द्वारम् ॥
अवसप्पिणी भागा हवंति उस्सप्पिणीइवि छ एए । पडिलोमा परिवाडी नवरि विभाएसु नायबा ॥ ३८॥ १६१द्वारम् ॥ ओपणी अनंता पोग्गलपरियट्टओ मुणेयवो । तेऽणंता तीयद्धा अणागयद्धा अनंतगुणा ॥ ३९ ॥ पोग्गलपरियट्टो इह दबाइचउधिहो मुणेयवो । थूलेयरभेएहिं जह होइ तहा निसामेह ॥ ४० ॥ ओरालविउद्यातेयकम्मभासाणपाणमणएहिं । फासेवि सबपोग्गल मुक्का अह बायरपरट्टो ॥ ४१ ॥ अहव इमो दबाई ओरालविउद्यते यकम्मे हिं । नीसेसदबगहमि बायरो होइ परियट्टो ॥ ४२ ॥ दबे सुहुमपरट्टो जाहे एगेण अह सरीरेणं । फासेवि सबपोग्गल अणुकमेणं नणु गणिजा ॥ ४३ ॥ लोगागासपएसा जया मरतेण एत्थ जीवेणं । पुट्ठा कमुक्कमेणं खेत्तपरट्टो भवे धूलो ॥ ४४ ॥ जीवो जइया एगे खेत्तपएसंमि अहिगए मरइ । पुणरवि तस्साणंतरि बीयपएसंमि जइ मरए ॥ ४५ ॥ एवं तरतमजोगेण सबखेत्तंमि जइ मओ होइ । सुहुमो खेत्तपरट्टो अणुक्रमेणं नणु गणेज्जा ॥ ४६ ॥ ओसप्पिणीऍ समया जावइया ते य निययमरणेणं । पुट्ठा कमुक्कमेणं कालपरट्टो भवे थूलो ॥ ४७ ॥ सुहुमो पुण ओसप्पिणी पढमे समयंमि जइ मओ होइ । पुण
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| १५८-१६१ पल्योपमादीनि गा.
१०१८-४७
॥ ४९९ ॥
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