Book Title: Pravachan Saroddhar Uttararddh
Author(s): Nemichandrasuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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होइ लयचउकं कसायविजए तवच्चरणे ॥ १२॥ खमणं एक्कासणगं एकगसित्थं च एगठाणं च । एक्कगदत्तं नीषियमायंबिलमट्ठकवलं च ॥ १३ ॥ एसा एगा लइया अट्ठहिं लइयाहिं दिवस चउसट्ठी । इय अट्ठकम्मसूडणतवंमि भणिया जिणिं
देहिं ॥१४॥ इग दुग इग तिग दुग चउ तिग पण चउ छक्क पंच सत्त छगं । अढग सत्तग नवगं अट्ठग नव सत्त अद्वैव | ४॥ १५॥ छग सत्तग पण छक्कं चउ पण तिग चउर दुग तिगं एगं । दुग एक्कग उववासा लहुसिहनिक्कीलियतवंमि॥१९॥
चउपन्नं खमणसयं दिणाण तह पारणाणि तेत्तीसं । इह परिवाडिचउक्के वरिसदुर्ग दिवस अडवीसा ॥ १७॥ विगईओ निविगईयं तहा अलेवाडयं च आयाम । परिवाडिचउक्रमि य पारणएसुं विहेयवं ॥ १८॥ इग दुग इग तिग दुग चउ तिग पण चउ छक्क पंच सत्त छगं । अड सत्त नवऽड दस नव एकारस दस य बारसगं ॥ १९॥ एकार तेर बारस चउदस तेरस य पनर चउदसगं । सोलस पनरस सोला होइ विवरीयमेकंतं ॥२०॥ एए उ अभत्तट्ठा इगसट्ठी पारणाणमिह होइ । एसा एगा लइया चउग्गुणाए पुण इमाए ॥२१॥ वरिसछगं मासदुर्ग दिवसाई तहेव बारस हवंति । एत्थ महासीहनिकीलियंमि तिचे तवञ्चरणे ॥२२॥ एक्को दुगाइ एक्कग अंतरिया जाव सोलस हवंति । पुण सोलस एर्गता 51 एकतरिया अभत्तट्ठा ॥ २३ ॥ पारणयाणं सट्ठी परिवाडिचउक्कगमि चत्तारि । वरिसाणि हुंति मुत्तावलीतवे दिवससंखाए ॥२४॥ इग दुति काहलियासुं दाडिमपुप्फेसु हुँति अट्ठ तिगा । एगाइसोलसंता सरियाजुयलंमि उववासा ॥ २५॥
अंतमि तस्स पयगं तत्थंकट्ठाणमेकमह पंच। सत्त य सत्त य पण पण तिन्निकतेसु तिगरयणा ॥ २६ ॥ पारणयन दिणट्ठासी परिवाडिचउक्कगे वरिसपणगं । नव मासा अट्ठारस दिणाणि रयणावलितमि ॥ २७ ॥ रयणावलीकमेणं|
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