Book Title: Pravachan Saroddhar Uttararddh
Author(s): Nemichandrasuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 615
________________ दि किंचूणे परिहि तेसिमे नामा । एगोरुअ १ आभासिय २ वेसाणी चेव ३ नंगूली ४ ॥२१॥ एएसिं दीवाणं परओ चत्तारि जोयणसयाणि । ओगाहिऊण लवणं सपडिदिसिं चउसयपमाणा ॥२२॥ चत्तारंतरदीवा हय ५ गय ६ गोकन्न ७ संकुलीकन्ना ८ । एवं पंचसयाई छस्सय सत्तट्ठ नव चेव ॥२३॥ ओगाहिऊण लवणं विक्खंभोगाहसरिसया भणिया। चउरो चउरो दीवा इमेहिं नामेहिं नायबा ॥ २४ ॥ आयंसमिंढगमुहा अयोमुहा गोमुहा य चउरोए १२ । अस्समुहा हत्थिमुहा सीहमुहा चेव वग्घमुहा १६ ॥ २५॥ तत्तो य आसकन्ना हरिकन्न अकन्न कन्नपावरणा २० । उक्कमुहा मेहमुहा विजुमुहा विजुदंता य २४ ॥ २६ ॥ घणदंत लट्ठदंता य गूढदंता य सुद्धदंता य २८ । वासहरे सिहरिंमि य एवं चिय अट्ठवीसावि ॥ २७ ॥ तिन्नेव हुंति आई एगुत्तरवड्डिया नवसयाओ । ओगाहिऊण लवणं तावइयं चेव विच्छिन्ना ॥२८॥ संति इमेसु नरा बजरिसहनारायसंहणणजुत्ता । समचउरंसगसंठाणसंठिया देवसमरूवा ॥ २९ ॥ अट्ठधणुस्सयदेहा किंचूणाओ नराण इत्थीओ । पलियअसंखिजइभागआऊया लक्षणोवेया ॥ ३० ॥ दसविहकप्पदुमपत्तवंछिया तह न |तेसु दीवेसु । ससिसूरगहणमकूणतयामसगाइया हुंति ॥ ३१॥ २६२ द्वारम् ॥ । नर १ नेरइया २ देवा ३ सिद्धा ४ तिरिया ५ कमेण इह हुंति । थोव १ असंख २ असंखा ३ अणंतगुणिया ४ अनंतगुणा ५॥ ३२ ॥ नारी १ नर २ नेरइया ३ तिरिच्छि ४ सुर ५ देवि ६ सिद्ध ७ तिरिया ८ य । थोव असंखगुणा चउ संखगुणाऽणंतगुण दोन्नि ॥ ३३ ॥ तस तेउ पुढवि जल वाउकाय अकाय वणस्सइ सकाया। थोव असंखगुणाहिय Pतिन्नि दोऽणंतगुणअहिया ॥ ३४ ॥ पण चउ ति दु य अणिंदिय एगिदि सइंदिया कमा हुँति । थोवा तिन्नि य अहिया GARAUGAISAXARSA SAX Jan Education For Private Personel Use Only

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