Book Title: Pravachan Saroddhar Uttararddh
Author(s): Nemichandrasuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

View full book text
Previous | Next

Page 603
________________ KASAUSKAASLASHUSHA HARUSHA ३ अंगुवंगे ४ य । बंधण ५ संघायण ६ संघयण ७ संठाण ८ नामं च ॥ १२॥ तह वन्न ९ गंध १० रस ११ फास १२ नाम अगुरुलहुयं च १३ बोद्धबं । उवधाय १४ पराघाया १५ णुपुचि १६ ऊसासनामं च १७॥ ६३ ॥ आयावु. ४|१८ जोय १९ विहायगई २० तस २१ थावरामिहाणं च २२ । बायर २३ सुहुमं २४ पज्जत्ता २५ पज्जत्तं च २६ नायचं ॥ ६४ ॥ पत्तेयं २७ साहारण २८ थिर २९ मथिर ३० सुभा ३१ सुभं ३२ च नायवं । सूभग ३३ दूभग ३४ नाम सूसर ३५ तह दूसरं ३६ चेव ॥ ६५ ॥ आएज ३७ मणाएज ३८ जसकित्ती नाम ३९ अजसकित्ती ४० य । निम्माणं |४१ तित्थयरं ४२ भेयाणवि हुँतिमे भेया ॥ ६६ ॥ गइ होइ चउप्पयारा जाईवि य पंचहा मुणेयवा । पंच य हुँति सरीरा अंगोवंगाई तिन्नेव ॥६७॥ छस्संघयणा ६ जाणसु संठाणावि य हवंति छच्चेव ६ । वनाईण चउकं ४ अगुरुलहु १ वघाय १ परघायं १॥ ६८॥ अणुपुषी चउभेया ४ उस्सासं १ आयवं १ च उज्जोयं १। सुहअसुहा विहयगई २ तसाइवीसं |च २० निम्माणं ॥ ६९॥ तित्थयरेणं सहिया १ सत्तट्ठी एव हुंति पयडीओ ६७ । संमामीसेहिं विणा तेवन्ना सेसकम्माणं ॥ ७० ॥ एवं वीसुत्तरसयं १२० बंधे पयडीण होइ नायबं । बंधणसंघायावि य सरीरगहणेण इह गहिया ॥ ७१॥ बंधणभेया पंच उ संघायावि य हवंति पंचेव । पण वन्ना दो गंधा पंच रसा अट्ठ फासा य ॥७२॥ दस सोलस छवीसा एया मेलीवि सत्तसट्ठीए । तेणउई होइ तओ बंधणभेया उ पन्नरस ॥७३॥ वेउवाहारोरालियाण सगतेयकम्मजुत्ताणं। नव बंधणाणि इयरदुसहियाणं तिन्नि तेसिपि ॥ ७४ ॥ सबेहिवि छूढेहिं तिगअहियसयं तु होइ नामस्स । इय उत्तरपयडीणं कम्मट्ठग अट्ठवन्नसयं ॥ ७५ ॥ २१६ द्वारम् ॥ Jain Education K ... For Private Personal Use Only w.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628