Book Title: Pravachan Saroddhar Uttararddh
Author(s): Nemichandrasuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 575
________________ तिगुणा तिरूवअहिया तिरियाणं इत्थिया मुणेयवा । सत्तावीसगुणा पुण मणुयाणं तयहिया चेव ॥ ८८३ ॥ बत्तीसगुणा बत्तीसरूवअहिया य तह य देवाणं । देवीओ पन्नत्ता जिणेहिं जियरागदोसेहिं ॥ ८८४ ॥१३७ द्वारम् ॥ उवसग्ग १ गम्भहरणं २ इत्थीतित्थं ३ अभाविया परिसा ४ । कण्हस्स अवरकंका ५ अवयरणं चंदसूराणं ६ ॥८८५॥ | हरिवंसकुलुप्पत्ती ७ चमरुप्पाओ ८ य अट्ठसयसिद्धा ९ । अस्संजयाण पूया १० दसवि अणंतेण कालेणं ॥८८६॥ सिरिरिसहसीयलेसुं एकेक मल्लि नेमिनाहे य । वीरजिणिंदे पंच उ एग सबेसु पाएणं ॥ ८८७ ॥ रिसहे अढहियसयं सिद्धं सीयलजिणमि हरिवंसो। नेमिजिणेऽवरकंकागमणं कण्हस्स संपन्नं ॥८८८॥ इत्थीतित्थं मल्ली पूया अस्संजयाण नवमजिणे। अवसेसा अच्छेरा वीरजिणिंदस्स तित्थंमि ॥ ८८९ ॥ १३८ द्वारम् ॥ पढमा भासा सच्चा १ बीया उ मुसा विवज्जिया तासिं २। सच्चामुसा ३ असञ्चामुसा ४ पुणो तह चउत्थीत्ति ॥८९०॥ जणवय १ संमय २ ठवणा ३ नामे ४ रूवे ५ पडुच्चसच्चे य ६ । ववहार ७ भाव ८ जोगे ९ दसमे ओवम्मसच्चे य १० ॥ ८९१॥ कोहे १ माणे २ माया ३ लोभे ४ पेजे ५ तहेव दोसे ६ य । हास ७ भए ८ अक्खाइय ९ उवघाए १० द निस्सिया दसहा ॥ ८९२ ॥ उप्पन्न १ विगय २ मीसग ३ जीव ४ अजीवे ५ य जीवअज्जीवे ६ । तह मीसगा अणंता ७ परित्त ८ अद्धा ९ य अद्धद्धा १०॥ ८९३ ॥ आमंतणि १ आणमणी २ जायणि ३ तह पुच्छणी य ४ पन्नवणी ५। ४ पच्चक्खाणी भासा ६ भासा इच्छाणुलोमा य ७॥ ८९४ ॥ अणभिग्गहिया भासा ८ भासा य अभिग्गहमि ९ बोद्धबा । |संसयकरणी १० भासा वोयड ११ अबोयडा १२ चेव ॥ ८९५ ॥ १३९ द्वारम् ॥ AKASONING 564615 Jan Education International For Private Personal use only www.ainelibrary.org

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