________________
मेवाड़ भूषण गुरुवर्य श्री प्रतापमल जी महाराज
जीवन की लघु परिचय-रेखा
जन्मस्थान -- मेवाड, देवगढ (मदारिया) राजस्थान । पिता श्री - मान्यवरसेठ "मोडीराम जी" ओसवाल गाधी गोत्रीय । मातुश्री - अखण्ड सौभाग्यवती गुण गभीरा धीरा " दाखावाई' गाँधी | जाति और धर्म - ओसवाल तथा जैनधर्म |
जन्मसवत् - १६६५ आश्विन कृष्णा ७ सोमवार ।
जन्मनाम - "प्रतापचन्द्र" गाधी ।
गुरुप्रवर की ख्याति - प्रात स्मरणीय वालब्रह्मचारी, ओजस्वी यशस्वी 'वादीमान-मर्दक'
श्री 'नन्दलाल जी' महाराज |
परमतेजस्वी, गुरुप्रवर
दीक्षा स्थली -- ' मन्दसोर' मध्यप्रदेश |
दीक्षासवत् – स० १९७९ मार्गशीर्ष पूर्णिमा ।
अध्ययन व भाषा - विज्ञान - हिन्दी, प्राकृत, संस्कृत, गुजराती व अंग्रेजीसाहित्य मे आपकी पहुँच व भाषा विज्ञान के विज्ञ है । हिन्दी - गुजराती सस्कृत, में आप सफल उपदेशक भी है ।
पदवी - वडी सादडी मे स० २०२६ मार्गशीर्ष पूर्णिमा की शुभ घडी मे स्थानीय सघ द्वारा 'मेवाड भूपण' पदवी से अलकृत । विहार स्थली - मेवाड, मारवाड, मालवा, पंजाब, बिहार, बंगाल, उत्तर प्रदेश आन्ध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात व बम्बई प्रदेश आदि ।
शिष्य-प्रशिष्य - तपस्वी व्या० "श्री वसतिलाल जी" म०, मधुर वक्ता श्री " राजेन्द्र मुनि जी" म०, "मुनि रमेश" " प्रियदर्शी" श्री सुरेश मुनिजी म०, श्री नरेन्द्र मुनिजी म०, तपस्वी सेवाभावी श्री अभयमुनि जी म०, श्री विजय मुनि जी म०, आत्मार्थी श्री मन्नामुनि जी म०, श्री वसत मुनिजी म०, प्रकाश मुनि जी म०, श्री सुदर्शनमुनि जी म०, श्री महेन्द्र मुनि जी म०, श्री कातिमुनि जी म० ।