Book Title: Prakrit Vyakaranam Part 2
Author(s): Hemchandracharya, Suresh Sisodiya
Publisher: Agam Ahimsa Samta Evam Prakrit Samsthan
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हेम प्राकृत व्याकरण : XVII
संदर्भ १. दृष्टव्य- शास्त्री, नेमिचन्द्र : प्राकृत भाषा एवं साहित्य का आलोचनात्मक इतिहास। २. दृष्टव्य- बाठियां, कस्तूरमल : हेमचन्द्राचार्य जीवन-चरित, परिशिष्ट ३. शास्त्री, नेमिचन्द्र : आचार्य हेमचन्द्र और उनका शब्दानुशासन एक अध्ययन ४. दृष्टव्य; ई.वी. कावेल का मूल लेख तथा उसका अनुवाद - 'प्राकृत व्याकरण संक्षिप्त परिचय'; भारतीय
साहित्य; १०, अंक - ३-४, जुलाई-अक्टुबर १९६५। ५. हिमवत्सिन्धुसौवीरान् ये जनाः समुपाश्रिताः।
उकारबहुला तज्ज्ञस्तेषु भाषां प्रयोजयेत्।। ६२ ।। ६ दृष्टव्य, वैद्य, पी एल ; प्राकृत ग्रामर आफ सिक्किम; परिशिष्ट। ७. दृष्टव्यः 'द प्राकृतलक्षणम् एण्ड चंडा ग्रैमर आफ द एशिएन्ट प्राकृत' - डॉ होएनले। ८. कत्रे, 'प्राकृतभाषाएं और भारतीय संस्कृति में उनका अवदान' पृ. ३६०। ९. कापड़िया, पाइय भाषाओ अने साहित्य, पृ.५५। १०. दृष्टव्य, डबराल द्वारा सम्पादित प्राकृतप्रकाश (मनोरमासहित), चौखम्बा प्रकाशन, वि. सं. १९९६ (द्वि. सं.)। ११. बनर्जी, एस आर ; 'प्राकृत वैयाकरणों की पाश्चात्य शाखा का विहंगमावलोकन',अनेकान्त १९, १-२, १९६६
(अप्रैल-जून)। १३. दृष्टव्य, नेमिचन्द्र शास्त्री ; आचार्य हेमचन्द्र और उनका शब्दानुशासनः एक अध्ययन। १४. भायाणी, एच. सी.; 'प्राकृतव्याकरणकारों' (गुजराती), भारतीयविद्या, प्रकाशन २, ४ जुलाई १९४३, १५. डोल्ची नित्ति : ले ग्रामैरियां प्राकृत (प्राकृत के व्याकरणकार) पृ. १४७-५०। १६ पंडित, प्रबोध; 'हेमचन्द्र एण्ड द लिग्विस्टिक ट्रेडिशन, महावीर जैन विद्यालय सुवर्ण महोत्सव ग्रन्थ, बम्बई,
__भाग १।
१७ वर्मा, जगन्नाथ; 'आर्ष प्राकृत व्याकरण', काशी नगरी प्रचारिणी सभा, १९०९। १८. जैन संस्कृत-प्राकृत व्याकरण और कोश की परम्परा , छापर , १९७७ ।।
- प्रो. (डा.) प्रेम सुमन जैन
मानद निदेशक, आगम, अहिंसा-समता एवं प्राकृत संस्थान, उदयपुर
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