Book Title: Pragnapana Sutra Part 03
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 13
________________ *HHHH G/७ ३२० [12] ************ ******************** क्रमांक विषय - पृष्ठ संख्या क्रमांक विषय . पृष्ठ संख्या १३. उपयोग द्वार २0७/६. चक्रवर्ती द्वार ३१६ १४. आहारक द्वार बलदेव द्वार ___३१८ १५. भाषक द्वार २८२ ८. वासुदेव द्वार : ३१८ १६. परित्त द्वार १९. मांडलिक द्वार ३१८ १७. पर्याप्त द्वार |१०. रत्न द्वार . ३१९ . 96. सूक्ष्म द्वार |११. भव्यद्रव्य देव उपपात प्ररूपणा १९. संजी द्वार २८८ १२. असंज्ञी आयुष्य प्ररूपणा . ३२६ २०. भवसिद्धिक द्वार इकवीसवां अवगाहना२७. अस्तिकाय द्वार . २२. चरम द्वार २९१ संस्थान पद ३२९-३९६ उन्नीसवां सम्यक्त्व पद २९२-२९४/१. सात द्वार गाथा १. तीन दृष्टियाँ ३३० . ३३८ बीसवां अन्तक्रिया पद २९५ संस्थान द्वार प्रमाण द्वार ३४६ १. अंतक्रिया द्वार २. अनन्तर द्वार पुद्गल चय द्वार शरीर संयोग द्वार ३८९ ३. एक समय द्वार ४. उद्वर्तन द्वार ७. द्रव्य प्रदेश अल्प बहुत्व द्वार ३९१ ५. तीर्थंकर द्वार |८. शरीरावगाहना अल्पबहुत्व द्वार ३९४ २९२ | २. विधि द्वार ३८७ AN Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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