Book Title: Pragnapana Sutra Part 03
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 12
________________ [11] H २२० २२१ २२१ २३२ क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या क्रमांक विषय पृष्ठ संख्या ६. मनुष्य में सप्त द्वारों की प्ररूपणा १५७/२४. प्रदेश द्वार ७. वाणव्यंतर आदि देवों में सप्त द्वार १५९ २५. अवगाढ़ द्वार ८. सलेशी चौबीस दण्डकों में सप्त द्वार १६०/२६. वर्गणा द्वार द्वितीय उद्देशक १६५-१८९ |२७. लेश्या स्थान द्वार ९. चौबीस दण्डकों में लेश्याएं १६५ २८. अल्पबहुत्व द्वार १०. सलेशी-अलेशी जीवों का . पांचवां उद्देशक २२७-२३१ अल्पबहुत्व ___ १६९ २९. लेश्याओं के भेद ... २२७ ११. विविध लेश्या वाले चौबीस दण्डक ३०. लेश्याओं के परिणाम भाव २२७ के जीवों का अल्पबहुत्व १७० | छठा उद्देशक २३२-२३६ १२. सलेशी ऋद्धिक जीवों का अल्पबहुत्व १८७/३१. लेश्या भेद २३२ तृतीय उद्देशक १९०-२०४|३२. मनुष्यों में लेश्याएं १३. चौबीस दण्डक के जीवों में उत्पाद १९० / ३३. लेश्या की अपेक्षा गर्भोत्पत्ति २३४ १४. चौबीस दण्डक के जीवों में उद्वर्तन १९० अठारहवांकायस्थितिपद २३७-२९१ १५. सलेशी जीवों में उत्पाद-उद्वर्तन , १९१/३४. कायस्थिति पद के २२ द्वार २३७-२९१ १६. कृष्ण आदि लेश्या वाले नैरयिकों . .| १. जीव द्वार में अवधिज्ञान-दर्शन की क्षमता १९९/ २. गति द्वार २३८ १७. कृष्ण आदि लेश्या वाले जीवो में ३. इन्द्रिय द्वार २४३ ज्ञान प्ररूपणा ४. काय द्वार - चतुर्थ उद्देशक २०५-२२६ ५. योग द्वार १८. परिणाम द्वार २०५ ६. वेद द्वार १९. वर्ण द्वार ७. कषाय द्वार २६४ २०. रस द्वार ८. लेश्या द्वार २१. गंध द्वार ए. सम्यक्त्व द्वार २२. शुद्ध-प्रशस्त-संक्लिष्ट 90. ज्ञान द्वार - उष्ण गति द्वार 99. दर्शन द्वार २३. परिणाम द्वार . २२० १२. संयत द्वार २36 २४० २५७ २५८ २६४ २६ए २७४ २७६ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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