________________
(३६
)
महत्त्वपूर्ण वर्णन पद्य ६० में है। नगर वर्णनात्मक हिन्दी पद्य संग्रह में मुनि श्रीकान्तिसागरजी द्वारा यह प्रकाशित है। (५) स्त्री ( सुन्दरी ) गजल, (६) हिंगोर गजल, (७) फुटकर कवितादि, हमारे संग्रह मे है। उदयपुर में एक और रचना भी देखने में आई थी।
गोरा बादल कथा की प्रशस्ति में मोछ ग्राम का उल्लेख है। कविवर समयसुन्दर कृत मृगावती रास के एक गुटके की लेखन प्रशस्ति में मोछ ग्राम एवं जटू नाहर का उल्लेख मिलता है। अतः वह गुटका जटमल नाहर के लिखित प्रतीत होता है। प्रशस्ति इस प्रकार है :
संवत् १६७५ वर्षे माघ सुदि ११ तिथौ शनिवारे । पतिस्याह नूरदी आदिल जहागीर राज्ये लिखतं जद नाहर नागउरी मोछ ग्रामे सा० कवरपाल सुतसा वाला देवी पासा तोड़ा रंगा गंगा पुस्तिका बापणा गोत्रे । लिखतं जटू पठनार्थ ।
खुमाणरासो रचयिता दौलतविजय . खुमाणरासो के सम्बन्ध में हिन्दी साहित्य के विद्वानों में बडी भ्रान्ति रही है। खुमाण का नाम देखकर उसका काल हवीं शताब्दी ही रासो का रचनाकाल मान लिया गया। इस मे महाराणा प्रताप का भी वृत्तान्त है अतः यह धारणा बना ली गई कि इस मे पीछे से परिवर्द्धन होता रहा है अतः