Book Title: Padmini Charitra Chaupai
Author(s): Bhanvarlal Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 290
________________ ( २१० ) () बात म काढो व्रत तणी, काची कली अनार की रे (४) तिण अवसर वाजै तिहा रे ढंढेरा नो ढोल, २ मेवाड़ी दरजण री (५) अलबेल्या नी (s) हसला नै गल गूघरमाल कि हंसलो मलो (७) रागमारु-पंथी एक संदेशड़ो, कपूर हुवे अति ऊजलो रे (८) मेवाड़ी राजा रे चितोड़ी राजा रे (ह' एक लहरी लै गोरिला रे (१०) राग मारू-नाइलियो न जाए गोरी रे वणइटै रे (११) मधुकरनी (१२) श्रेणिक मन अचरन थयो (१३) नदी यमुना के तीर उड़े दोय पंखिया (१४) म्हारा सुगुण सनेही आतमा (१५) सइ मुख हुं न सकु कही आडी आवै लाज (१६) वन्दना करूं वार-चार ए देसी प्राहुणा री (१७) साधजी मले पधार्या आज (१८) वलध मला हे सोरठा रे (१९) सदा रे सुरंगा ये फिरो, आज विरंगा काय (२०) नाथ गई मोरी नाथ गई (२१) गच्छपति गाइयइ हो युगप्रधान जिनचन्द (२२) वाल्हेसर मुझ वीनती गोडीची (२३) करड़ो निहा कोटवाल, राग-खमाइती सोला की या मारू (२४) धन्यासी-लोक सरूप विचारो आतम हित मणी

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