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कटारिया मंत्री भागचद-जो इस रचना के प्रेरक थे-के वश का परिचय देता है। अलाउद्दीन के पुनराक्रमण और पद्मिनी के जौहर की घटनाओं के सम्बन्ध में लब्धोदय तथा दूसरे सभी कवि मौन है।
मलिक मुहमद जायसी के 'पद्मावत' में लिखा है कि । राणा को सुलतान अलाउद्दीन गिरफ्तार कर दिल्ली ले गया था पर जटमल प्रतिदिन गढ़ के नीचे राणा को लाकर उसके कोड़े मरवाने का उल्लेख करता है। तथा लब्धोदय आदि ने भी स्पष्ट लिखा है कि राणा को शाही शिविर मे कैद किया गया था, और छुडा कर लाने की सारी घटनाएँ और संकेत इसी बात को पुष्ट करते है। नाभिनंदनोद्धार प्रबन्ध ( रचना सं० १३७३ ) मे श्री कक्कसूरि चित्रकूटपति को पकड कर गले मे रस्सी बाँध कर नगर नगर मे घुमाने का उल्लेख करते हैं जो चित्रकूट से अन्यत्र गमन के पक्ष में है। संभव हैं यह घटना पुनराक्रमण से सम्बन्धित हो। ऐतिहासिक तथ्यों को शोध कर प्रकाश मे लाना विद्वानों का काम है।