Book Title: Nandyadigathadyakaradiyuto Vishayanukram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 232
________________ नन्द्याद्यङ्कशुद्धिः ॥ ११२ ॥ २ ३ ४ ५ ६ ७ ११६ २०६५ ११७ २०७६ ११८ ११९ १२० १२१ १२२ १२३ १२४ १२५ १३२ १३३ १२६ १२७ १२८ २४३ १ १६० २६२ / ४-७ १८१-१८४ २७४ | ३ २-४१६१-१६३२६४ ८-९ १८५-१८६ २७५ ४ २७५ ५ २७६ ६ "" २०९ ७ १३४ १३५ ६ " २११८ २१३९-१० १३६-१३७ २४५ ७ २१७११ १२ १३८-१३९२४६ ८ २४४५ ८ ९ १० ११ १२ १३ १ २४१२९-३० १५६-१५७२५३ २ २-४ १२९-१३१२४२३१-३२ १५८-१५९२५४ | ३ १६४ १६५ १६६ १६७ २६५/१० २६५११ 33 ܐ، १८७ १८८ | १२-१३ १८९-१९०२७७ | १४-१५ १९१-१९२२७८ ८ २१५ " १६ १९३ २७९ २२३१३-१५ १४०-१४२२४७ ९ १६८ २६६१७-१८ १९४-१९५२८० ९ २१६ २९३ २२४ १६-१८ १४३-१४४२४८ १०-१२ १६९-१७१२६७१९-२० १९६-१९७२८११० २१७ 35 ,, १९-२० १४६-१४७२४९ १३-१५ १७२-१७४२६८२१-२२ १९८-१९९२८२ ११ २१८ २९४ २२६२१-२२ १४८-१४९२५० १६-१७ १७५-१७६२६९२३-२४२००-२०१२८३ १२ २१९ 39 २२० २९५ २२१ ,, २३-२४ १५०-१५१२५१ १९ १७७ २७० २५-२७२०२-२०४२८४ १३ २२७२५-२८ १५२-१५५२५२ १ २७२ २८-३०२०६-२०७२८५ १४ २७३१ २०८ २ २०९ १.७८ १.७९ १.८० " २१० २११ २१२ २९१ २१३ २९२ २९० ७ २१४ ' "" + " 39 २८९१५२२२ २९६ २९० १६ २२३ २९७ ७ उत्तरा० बृहदक सूचा. ॥ ११२ ॥

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