Book Title: Nandyadigathadyakaradiyuto Vishayanukram
Author(s): Sagaranandsuri, Anandsagarsuri
Publisher: Agamoday Samiti
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नं. अ. आ. ओ. द. पि. उ.
॥ १३० ॥
२ उमदोषाः ३पादनादोषाः ४ मरणादोषाः
५ प्रासैषणादोषाः
३०११९ / १० ३२६* पत्रकाध्ययनम् ३०९३४१ २४९४७* प्रवचनमात्रध्ययनम् ४६३५२० ३७ १४६ / ११३५९* बहुश्रुतपूजाध्यय० ३१७३५३ २५९९१* यशीयाध्ययनम् ४८२५३१
१७८
१ ४८*विन वाध्ययनम्
६४
१७० १२ ४०५% हरिकेशीयाभ्यमनम् ३२७३७३ २६ १०४३*सामाचार्यध्ययनम् ४८९ ५४७ १३४४०* चित्रसंभूतीयाध्ययनम् ३५७३९३ २७ १०६०* खलुकीयाध्ययनम् ४२८५५४ | २८१०९६*मेक्षमार्गाध्ययनम् ५०५५६९ १४४९३ इषुकारी माध्ययनम् ३७२४११ ६६ १५५०९* सभिक्षुकाध्ययनम् ३७९४२० ३०११३४*तषोमार्गाध्ययनम् ५१६६१० २९८८ सू. सम्यक्त्वपराक्रमा० ५१३५९८ २ ९४* परीषहाध्ययनम् १सू. १४११३९ १६५२६* ब्रह्मचर्य समा० १० ।। ३८५४३० ३१११५५* चरणविध्यध्ययनम् ५२१६१८ ३ ११४* चतुरङ्गीयाध्यय ०१०८-२-१८८ १७५४७ पापभ्रमणाध्ययनम् ३९०४३६ | ३२१२६६*प्रमादस्थानाध्ययनम् ५२९६३९ ४ १२७* असंस्कृताध्ययनम् २०७२२७ १८६००* संयतीयाध्ययनम् ४०४४५० ३३१२९१* कर्मप्रकृत्यध्ययनम् ५३६६४८ ५ १५९*अकाममरणाध्ययनम्२३५२५४ | १९६९८* मृगापुत्रीयाध्ययनम् ४२१४६६ | ३४ १३५२* लेश्याध्ययनम् ५४५६६२ ६ १७०० मुलक निर्मन्थी ० २४३-३०-२०० / २०७५८* महानिर्प्रन्यी० ४२८-४५-४८१ | ३५ १३७७* अनगारमार्गाध्य० ५५१६६८ ७ २०७* औरभ्रिकाध्ययनम् २४९२८५ २१७८२* समुद्रपालीयाभ्य० ४४२४८८ ३६१६४०* जीवाजीववि० ५६२७१३ ८२२७* कापिलीयाध्ययनम् २५९२९७ २२८३१* रथनेमीयाध्ययनम् ४५०४९७ ९२८९* नमि प्रत्रव्याध्ययनम् २७९३२० २३९२०# के शिगौतमीवाम्य० ४५७५१२ |
इति उचराध्ययनानि
४०३
५१५
६२८
↑
७ अथोत्तराध्यनानि
लघुः विषयानुक्रमः
| ॥ १३० ॥

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