Book Title: Nandanvan Kalpataru 2012 11 SrNo 29
Author(s): Kirtitrai
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti
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शिवपार्वतीचरितम् डॉ. आचार्यरामकिशोरमिश्रः
ईश: शिवः सतीशोऽस्ति पार्वतीशो वृषध्वजः । भरमलिप्तो भूतनाथः पातु युष्मान् हि शङ्करः ॥१॥ सती दुहिता दक्षस्य शिवस्य प्रेमिकाऽभवत् । तयोः प्रेमविवाहोऽभूद् येन रुष्टः प्रजापतिः ॥२॥ कैलासाद्रिस्तयोर्वासः पर्वतेषु हिमालये । शिवोऽवसत्समाधिस्थ: सत्या व्यवस्था वै कूता ॥३॥ रूपं संधार्य सीताया रामपार्वं ययौ सती । सती पप्रच्छ श्रीरामः शिवः क्व ? स्पष्टमेव तु ॥४॥
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