Book Title: Mulpayadisatta
Author(s): Virshekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti

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Page 36
________________ 'एव । मूलपडिसत्तामूलगाया ] सत्ताविहाणं तो तम्स संतकम्मा, असंखियगुणा तओ विसेसहिया। तिण्हं घाईण तओ, अघाइचउगस्स विण्णेया ॥११६।। मायबाप्पाबहुगं, विण्णेयं दुणरसंजमेसु परं । मोहम्स संतकम्मा, संखेज्जगुणा मुणेयव्या ॥११७॥ काये ओराले तह, भविया-ऽऽहारेसु होइ मणयव्व । परमत्थि संतकम्मा, अणतगुणिआ चउत्थस्स ॥११॥ मोहस्म हवेज्ज दुमण-वयणतिणाणोहिचाखुसण्णीसु। थोवा असंतकम्मा, तत्तो णेया असंखगुणा ॥११९॥ तस्स चित्र संतकम्मा, तओ विसेसाहियाऽस्थि सत्तण्हं । मोहम्स संतकम्मा, अहखायेऽप्पा तओ गेया ॥१२०॥ घाईणं संखगुणा, तत्तो तेसिं असंतकम्मा तो । (गीतिः) मोहम्स विसेसहिया, तो अघाईण संतकम्माऽत्थि ।।१२१॥ थोवा असंतकम्मा, घाईणं उरलमीसकम्मेसु । तो ताण संतकम्मा-ऽणंतगुणा तो विसेसहिया ॥१२२॥ हुन्ति चउअघाईणं, एवमणाहारगम्मि होइ परं । . घाईण अघाईओ, असंतकम्मा विसेसहिया ॥१२॥ गयवेए अकसाये, थोवा मोहस्स संतकम्मा तो। घाईण विसेसहिया, तओ अघाईण संखगुणा ॥१२४॥ तत्तो असंतकम्मा, सिमणंतगुणा तओ विसेसहिया । थाईण तिण्ह तत्तो, विण्णेया मोहनीयस्स ॥१२५॥

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