Book Title: Mulpayadisatta
Author(s): Virshekharvijay
Publisher: Bharatiya Prachyatattva Prakashan Samiti

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Page 44
________________ নম্ব ॥ श्री शवेश्वरपार्श्वनाथाय नमः ॥ ।। श्रीआत्म-कमल-वीर-दान-प्रेम-हीरसूरीश्वरसद्गुरुभ्यो नमः ॥ मुनिश्रीवीरशेखरविजयरचितं सत्ता (सत्ताविधानं) तत्थ मूलपयडिसत्ता (मूलप्रकृतिसत्ता) हीरसौभाग्यभाष्यम् पणमिय सिरिणवखण्डा-पासपहुं गुरुकिवाअ जहसुत्तं । भासेमि सुबोहत्थं. भामं विसयीकरणरूवं ॥१॥ (ही.भा.) णाणस्स दसणस्स य, आवरण वेअमोहआऊणि । णामं गोअं विग्धं, एआ मुलपयडी अट्ठ ॥२॥ (ही.भा.) तेसि उत्तरपयडी, कमसो पंच णव दोणि अडवीसं । (ही भा.) चउरो तिजुअमयं दो, पणऽस्थि सव्वा-ऽडवण्णसयं ॥३॥ महसुअऽवहिमणकेवल-णाणावरणं ति पंचहा पढमं । णयरेयरोहिकेवल-दंसणआवरणगं णेयं ॥४॥ (ही.भा.) णिद्दा णिहाणिद्दा, पयला पयलपयला य थीणद्धी । एवं नवहा बीअं, सायमसायं दुहा तइ ॥५।। (ही.भा.)

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