Book Title: Mahimna Stotra Tika
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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir नानफलमितिपुनरपिस्त नेयर्थप्राप्तेसार्थक्यदर्शयन्स्तौति मध्विति हेब्रह्मविभोसरगुरोर्ब्रह्म गोपिवाकवाणीतवकिंविस्मयपदंचमत्कारकारणंकिंकिंशब्दआक्षेपेनेत्यर्थः तत्रहे तुगर्भविशेष णमाह तवकीदृशस्य वाचः दलक्षणाः निर्मितवतः निश्वासवदनायासैनावितीवितव तः कीदृशी:मधुस्फीताःमाधुर्यादिशब्दगुणालंकारविशिष्टत्वेनमधुराः तथापरमममृतंनिरति मधुस्फीतावाचःपरमममृतंनिर्मितवतस्तवब्रह्मकिंवागपिसरगरोविस्मयपदम् शयामृतवदत्यास्वाद्याः एतेनार्थगतमाधुर्यमुक्तम् परमेश्वर वाचांशब्दार्थगतयोर्निरतिशयमाथ र्ययोरफिमिथस्तारतम्यंमध्वमृतशब्दाश्यांधोत्यतै अयंचवाचामुत्कर्षामहान्यत्रशब्दगुणाल कारातिशयविनार्थराणालंकारइति यत्रहिरण्यगर्भस्यवाण्यपिनचमत्कारकारणंतत्रकावार्ताः स्मदादिवाण्याइत्वर्थः तर्हिस्तियेत्यनआह ममत्वित्यादि हेपुरमथनत्रिपुरांतकभवतोगुण For Private and Personal Use Only

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