Book Title: Mahimna Stotra Tika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शस्तस्यव्यतिहारोव्याक्रोशीअन्येनकर्त्तमारब्धमन्यःकरोतिअन्येनचान्यइतिकर्मव्यतिहारः व्याङ्तर्वात् कोशेःकर्मव्यनिहारेणचस्त्रियामितिपाणिनिस्मरणार ततःचार्थेअन्णचस्त्रियामजितिसूत्रात् ततस्त्रि यांडी तांव्याकोशीमहमहमिकयाकर्वते यत्सर्वप्रमाणप्रमितंतदपिजियांसंतीतियत्तझांमंदबुद्धि त्वंद्योतिनंअतएवकभिषायेकियाफलेविदधातेरात्मनेपदम नहितयाकोशीविधानात्तवैश्वर्यव्या अभव्यानामस्मिन्दरदरमणीयामरमणीविहंतुंच्याकोशीविदधतइहैकेजडधियः४ धातःकिंतुतेषामे पाधःपातइत्यर्थः कीदृशंतवैश्वर्यजगदुदयरक्षाप्रलयकृत् जगतआकाशादिन पंचजातस्यउदयंसृष्टिरक्षांस्थितिंभलयंसंहारंचकरोतीतितथा अनेनानुमानमानमुक्तंतचाज न्यानोलोकाइत्यत्रव्यक्तं वक्ष्यते लथात्रयीवस्तत्रयागावेदानांतात्पर्यणप्रतिपाद्यवस्तसर्वेवेदा यत्पदमामनंतीतिश्रुतेः अनेनागमःप्रमाण मुक्तम् नथागुणेःसत्वरजस्तमोभिःलीलोपानभिन्ना For Private and Personal Use Only

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