Book Title: Mahimna Stotra Tika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दृष्टःसएवात्रकियान्मंदाकिनीनाम्नावियद्याप्यार किया-भागीरथीतिगंगेतिचपसि-दोभूलोकेसप्तसमु। दानापूर्यास्ते किया स्तभोगवतीतिसंज्ञयापातालमभिव्याप्यास्तइत्यनेनतवदिव्यवयुषोमहत्त्वम नमीयतइत्यर्थः हरिपक्षतु तारागणेर्गुणिताःफेनाःयस्याःसातारागणगुणितफेनागंगातस्याउ इमेउद्भवसचिःशोभायस्यसनथा शिरसि सर्वलोकानांशिरःस्थानीयब्रह्मलोकेपलिछलनोक्षिः रथःक्षोणीयंताशतधृतिरगेंद्रोधनुरथोरथांगेचंद्राशरथचरणपाणिःशरइति मचरणांगुष्टनिर्मितब्रह्मांडविचरादागतोगंगोत्पत्ति हेतुर्षियध्यापकोयोवाराप्रवाहःसतेत्क्यापृषत लघुदृष्टःविंदोरपिलघुदृष्टःबिदारपिलघुयथास्यात्तथोपलब्धइत्यर्थः अनेनेवलिंगेनचलचदि व्यंवपुःबलिचलनार्थदिव्याकाशेआविर्भावितंत्रविक्रमरूपंधृतमहिमोन्लेयर शेषपूर्ववत् 17 | अथलंकात्रिपुरदाहोदर्शयन्हरिहरीस्तौति हेर्दशत्रिपुरतणदिधक्षोस्तवकोयमाडंबरविधिः-|| For Private and Personal Use Only

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