Book Title: Mahimna Stotra Tika
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Page 29
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तःषण्णामंगानांप्रयोजनक्षेतः चतुर्णामुपांगानामधुनोच्यते तत्रसर्गप्रतिसर्गवंशमन्वंतरवंशा नुचरितप्रतिपादकानिभगवताबादरायणेनुकतानिपुराणानितानिचबाापागंवैष्णवथैवंशा गवतनारदीयमार्कंडेयमाग्नेयं भविष्य प्रापैवर्त लैंगवाराहंस्कोदंवामनंकोममात्स्यंगारुडंत्रगांडचेत्यष्टादश एवमुपपुराणान्यानेकप्रकाराणिद्रष्टव्यानि न्यायआन्वीक्षिकी पंचाध्यायी गौतमेनप्रणीता प्रमाणेप्रमेयसंशयप्रयोजनदृष्टांतसिद्धांतावयवतर्क निर्णयवादजल्पवितंडग हेवाभासछलजातिनिग्रहस्थानास्यानो षोडशपदार्शनांसद्देशलक्षणपरीक्षाभिस्तत्वज्ञानंत स्यप्रयोजनएवंदशाध्यायवे शेषिकशास्त्रकणादेनप्रणीतम् द्रव्यगुणकर्मसामान्यविशेषस मवापानांषण्णाभावपदार्थानामभावससमानांसाधर्म्यवयाभ्यामुत्पादनंतस्यमयोजनए लपिन्यायपदेनोक्तम् एपंगामांसापिद्विविधाफर्ममामांसाशारीरकमीमांसाच तत्रहादशा माग्रीकर्ममीमांसा अथातोभजिज्ञासेत्यादिन्याहाचदर्शनादियंताभगवत्ताजैमिनिना - - For Private and Personal Use Only

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