Book Title: Mahimna Stotra Tika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir यहि 15 निरूपितानि चतुर्थेध्यायेसगुणनिर्यणविद्ययोःफलविशेषनिर्णयःकृतः तत्रप्रथमपादेयषणाया। इत्यानिर्गुणंब्रह्मउपासनात्यासगुणवाब्रह्मसाक्षारत्त्य जीवतःपापपुण्यालेपलक्षणाजीवन्मु क्तिरनिहिता द्वितीयपादेनियमाणस्योकांतिकप्रकारचिंतितः तृतीयुपादेसगुणब्रह्मविदोग तस्योर्तरमाभिहितः चतुर्थपादेपूर्वभागेननिर्गुणब्रह्मविदोविदेहकैवल्यप्राप्तिरुक्तात्तरमा गेनसगुणब्रह्मविदोब्रह्मलोकेस्थितिरुक्तेति इदमेवसर्वशास्त्राणामूईन्यशास्त्रांतरंसर्वमस्यैव शेषभूतंइतीदमेवमुमुक्षभिरादरणीयंश्रीशंकरभगवत्यादोदितप्रकारेणेतिरहस्यम् एवं धर्मशास्त्राणिमनुयाज्ञवल्क्ययमांगिरोवसिष्ठदक्षसंवर्त्तशातातपपराशरगोतमंशंखलिवितहारतापरत बोशनोव्यासकात्यायनरहस्पतिदेवलनारदपैठीनसिप्रश्तयस्तैःक तानिवर्णाश्रमधर्मविशेषाणाविभागेनप्रतिपादकानि पंव्यासकृतंमहाभारतंवाल्मी किकृतंरामायणंचधर्मशास्त्रएवांत तस्वयमितिहासत्वेनप्रसिद्धम् सारच्या दीनांधा For Private and Personal Use Only

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