Book Title: Mahimna Stotra Tika
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गृहनोजनाजुकुटिलनानापथजुषोभयंतीतिनसर्वेपामृजुमार्गएचप्रवेशोनवापर्यवसानेपि परमेश्वगमाप्तिरंतःकरणशद्धिवशेनपश्चाजमार्गाश्रयणादेवेत्यर्थः हरिपक्षेप्येवम् / एवं सर्वशंको धारणहरिहरस्वरूपनिरूप्यतदेवार्चाचीनपदस्थस्तोति हेवरदतवपरिपूर्णपरमेश्व रस्यापिएतत्तत्रोपकरणंतंत्रस्यकुटुंबधारणस्यउपकरणंसाधनम् तदेवाह महोक्षःमहालक्षा महोक्षःखदागंपरशरजिनंभस्मफणिनःकपालंचेतीयत्तववरदतंत्रोपकरणम् सूपमारवट्वांगरवदायाअवयवविशेष कापालिकानांप्रसिद्धः परशःटंक कारोवा अजिनचर्म भस्मपाशः फणिनःसर्पाःकपालंमनुष्यशिरोस्थिचेतिसप्तकम् नन्वेवंदरिद्रस्तष्टोपिकिंदास्यतीत्य तआह सराइत्यादि सरास्तभवत्सेवयाभवप्रणिहितांभवतोश्वविक्षेपुमात्रणसमर्पितांता ताअसाधारणीमृद्धिसंपतिंदधतिधारयति त्वमतिदरिदस्तवत्यास्तसर्वेसरास्त्वत्प्रसादास For Private and Personal Use Only

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