Book Title: Mahimna Stotra Tika
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Page 24
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir तीत्यादीअभिषचाययातविलापनेः सोमादीनांधिकारः बीहान्योक्षतिपल्यवेक्षतइत्यादोपोक्षणा विक्षणादिपि:ब्राह्मयादिव्याणासंस्कारः एतत्ष्टयेचांगब तथाकतुकारकाण्याश्रित्यविहितं अकर्म तहिविधंअगंमधानेच अन्यार्थर गेअनन्यार्थप्रधानम् अंगमपिडिविधंसनिपत्यो। कारकगारादुपकारकंच तत्रप्रधानस्वरूपनिर्वाहकंप्रथमंयथावहमनमोक्षणादिफलोपका द्वितीयं यथाप्रपाजादिएवंसंपूर्णागसंयुक्तोविधिःप्रकृतिः विकलांगसंयुक्तविधिर्विकृतिः तदुभयविलक्षणोविधिर्दी होमः एवमन्यदप्यूह्यं तदेवंनिरूपितोविधिभागः प्राशस्त्यनिंदान्य तरलक्षणयाविधिशेषभूतवाक्यमर्थवादः सेवधिविधः गुणवादोनुवादोभूतार्थवादश्चति तत्रप्रमाणांतरविरुद्यार्थबोधकोगुणवारःआदित्योयूपइत्यादिःप्रामागोतरमाप्ताधबोध कोऽनुवादः अग्निर्हिमस्योषजमित्यादि प्रमाणांतरविरोधतत्प्राप्तिरहितार्थबोधकोभूता र्थवादः इंद्रोत्रायवनमुदयच्छदित्यादि तदुक्तंविरोधेगुणवादःस्यादनुवादोश्वधारिते For Private and Personal Use Only

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