Book Title: Mahimna Stotra Tika
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Page 23
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir निभाट्टाः नियोगोविधिरितिप्राभाकराः इष्टसाधनताविधिरितितार्किकादयः सर्वोधिधिरपिचतु विधः उत्पत्यधिकारविनियोगपयोगभेदातू तत्रदेवताकर्मस्वरूपमात्रभेदकोविधिरुत्पत्तिविधिः आग्नेयोऽष्टाकपालोभवतीत्यादिः सेतिकर्तव्यताकस्यकरणस्य यागादःफलसंबंधबोधको विधि रधिकारविधिदर्शपूर्णगासाभ्योस्वर्गकामोयजेतेत्यादि अंगसंबंधबोधकोविधिर्विनियोगवि धिः बाहिभिर्यजेतसमिधोयजतीत्यादि सांगपधानकर्मप्रयोगेक्यबोधकः पूर्वविधित्रयूमिल नरुपः प्रयोगविधिः सचश्रोतइत्येकेकल्प्यइत्यपूरे कर्मस्वरूपंचद्विविधम् गुणकर्मअर्थकर्म च तत्रऋतुकारकारकाण्यानित्यविहितंगणकर्म तदपिचतुर्विधम् उत्सत्याप्तिविकृतिसंस्क्व तिभेदात् तंत्रवसंतेब्राह्मणोऽग्नीनआदधीतयूयंत क्षतीत्यादीआधानतक्षणादिनासंस्कारवि शेषविशिष्टाग्नियूपादेरुत्पत्तिः स्वाध्यायोध्येतव्यः गांपयोदोग्धीत्यादावध्ययनदोहनादिना | विद्यमानस्येवस्वाध्यायपयःमभृतेःप्राप्तिःसोममभिषुणोतिनाहीनवहतिआज्यविलापय-|| For Private and Personal Use Only

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