Book Title: Mahimna Stotra Tika
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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir महि 12 जुःसामभेदेनभिन्नः तत्रहोत्रप्रयोगऋग्वेदेन आवर्यवप्रयोगोयजुर्वेदेन ओरात्रमयोगःसामवे|| दैन बाह्मयजमानप्रयोगौत्ववांतर्भूती अथर्ववेदस्यज्ञानुपयुक्तः शांतिकंपोष्टिकासिंचारि|| कादिकर्मप्रतिपादके नात्यंतविलक्षणएव एवंप्रवचनभेदात्पतिवेदंतिनामूद्यस्यशारवाः एवंच कर्मकांडेव्यापारक्षेदेपिसर्वासांवेदशारवानामेकरूपत्वमेवब्रह्मकांडइतिचतुर्णावेदानांपयोजन भेदेनभेदउक्तः अथांगानामुच्यते तत्रशिक्षायाउदात्तानुदात्तचरितहखदीर्घप्तादिविशिष्टस्व रव्यंजनात्मक वर्णोच्चारणविशेषज्ञानप्रयोजनंतदक्षावेमंत्राणामनर्थकमल त्वाद नथाचोक्तम् मंत्रोहीनःस्वरतोवर्णतीवामिथ्याप्रयुक्तीनतमर्थमाह सवाग्यज्योयजमानहिनस्तियथेंदशत्रुःस्व रतोपराधादिति तत्रसर्ववेदसाधारणीशिक्षाः अथशिक्षाप्रवक्ष्यामीत्यादिपंचरवंडात्मिकापाणिनि नाप्रकाशिता प्रतिवेदशारखंचभिन्नरूपाःप्रातिशारख्यसंज्ञिताः अन्परेवमनिभिःप्रदर्शिताः एवं दिकपदसाधुत्वज्ञानेनोहादिकंव्याकरणस्यमयोजनंतच्चद्धिरादेजित्याद्यध्यायाष्टकात्मकंगहे। For Private and Personal Use Only

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